₹7,500 हो PF की मिनिमम पेंशन, जानिए किसने की है यह सिफारिश? EPFO Pension Hike 2025

EPFO Pension Hike 2025: निजी क्षेत्र में काम करने वाले कर्मचारियों के लिए एक बड़ी खुशखबरी सामने आई है। एक संसदीय समिति ने सिफारिश की है कि इन कर्मचारियों की न्यूनतम पेंशन को मौजूदा 1,000 रुपये से बढ़ाकर 7,500 रुपये प्रति माह किया जाए। यह निर्णय लाखों निजी क्षेत्र के कामगारों के जीवन में सकारात्मक बदलाव ला सकता है।

पेंशन में वृद्धि की आवश्यकता और पृष्ठभूमि

पिछले 11 वर्षों से निजी क्षेत्र के कर्मचारियों को पेंशन में कोई बढ़ोतरी नहीं मिली है। वर्ष 2014 में केंद्र सरकार ने न्यूनतम पेंशन को 250 रुपये से बढ़ाकर 1,000 रुपये प्रति माह किया था। लेकिन तब से अब तक महंगाई कई गुना बढ़ चुकी है और 1,000 रुपये की पेंशन से गुजारा करना लगभग असंभव हो गया है।

पेंशन भोगियों के संघों और ट्रेड यूनियनों ने लंबे समय से मांग की थी कि न्यूनतम पेंशन को कम से कम 7,500 रुपये प्रति माह किया जाए, ताकि पेंशनधारक अपना जीवन सम्मानपूर्वक व्यतीत कर सकें। बढ़ती महंगाई के कारण 1,000 रुपये की पेंशन से रोजमर्रा की जरूरतें पूरी करना मुश्किल है।

Also Read:
RBI Rule For Loan अब लोन नहीं भरने वालों की खैर नहीं, RBI लाया सख्त नियम RBI Rule For Loan

संसदीय समिति की सिफारिशें

बीजेपी सांसद बसवराज बोम्मई की अध्यक्षता वाली श्रम संबंधी संसदीय समिति ने सरकार से यह पेशकश की है कि ईपीएफओ के कर्मचारियों की न्यूनतम पेंशन को बढ़ाकर 7,500 रुपये किया जाए। समिति ने अपनी रिपोर्ट में स्पष्ट रूप से कहा है कि 2014 के बाद से महंगाई में काफी वृद्धि हुई है और इसलिए कर्मचारियों को इसी अनुपात में पेंशन प्रदान की जानी चाहिए।

समिति की राय है कि सरकार को महंगाई को ध्यान में रखते हुए पेंशनभोगियों और उनके परिवार के सदस्यों के कल्याण के लिए उचित पेंशन देनी चाहिए। यह न सिर्फ कर्मचारियों के जीवन स्तर को सुधारेगा बल्कि समाज में आर्थिक असमानता को कम करने में भी मदद करेगा।

पेंशन कटौती की वर्तमान व्यवस्था

वर्तमान में, निजी कंपनियों में काम करने वाले कर्मचारियों की बेसिक सैलरी का लगभग 12% हिस्सा हर महीने ईपीएफ के लिए काटा जाता है। इसके अलावा, नियोक्ता (कंपनी) भी इतनी ही राशि अपने कर्मचारियों के लिए अंशदान करता है।

Also Read:
EMI Bounce लोन लेने वालों के लिए महत्वपूर्ण जानकारी EMI Bounce

कंपनी द्वारा दिया गया अंशदान 8.33% ईपीएस (कर्मचारी पेंशन योजना) में जमा होता है, जबकि 3.67% ईपीएफ खाते में ही जमा रहता है। इस प्रकार, पेंशन के लिए हर महीने वेतन का एक छोटा हिस्सा अलग से जमा होता है, जिसे अब संसदीय समिति बढ़ाने की सिफारिश कर रही है।

भविष्य की संभावनाएं और लाभार्थी

यदि सरकार संसदीय समिति की सिफारिशों को स्वीकार करती है, तो यह लाखों निजी क्षेत्र के कर्मचारियों, विशेष रूप से सेवानिवृत्त लोगों के लिए एक बड़ी राहत होगी। वर्तमान में, अनुमानित करोड़ों लोग ईपीएफओ पेंशन का लाभ उठा रहे हैं, जिन्हें न्यूनतम पेंशन में वृद्धि से बड़ा आर्थिक सहारा मिलेगा।

पेंशन में यह वृद्धि न केवल सेवानिवृत्त कर्मचारियों की आर्थिक स्थिति को मजबूत करेगी, बल्कि उनके परिवारों के जीवन स्तर को भी सुधारेगी। इससे समाज में आर्थिक असमानता कम होगी और वरिष्ठ नागरिकों का जीवन अधिक सम्मानजनक बनेगा।

Also Read:
Ration Card Gramin List सिर्फ इनको मिलेगा फ्री गेहूँ, चावल, नमक, बाजरा, राशन कार्ड की नई लिस्ट जारी Ration Card Gramin List

संसदीय समिति की सिफारिशों के बाद अब सभी की नजरें सरकार के निर्णय पर टिकी हैं। ईपीएफओ पेंशन में वृद्धि न केवल सेवानिवृत्त कर्मचारियों के लिए बल्कि पूरे अर्थव्यवस्था के लिए एक सकारात्मक कदम होगा। यह निर्णय निजी क्षेत्र के कर्मचारियों के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाएगा और सामाजिक सुरक्षा को मजबूत करने में मदद करेगा।


अस्वीकरण: यह लेख केवल सूचनात्मक उद्देश्यों के लिए है। पेंशन नियमों में बदलाव से संबंधित अंतिम और आधिकारिक जानकारी के लिए, कृपया ईपीएफओ की आधिकारिक वेबसाइट देखें या संबंधित सरकारी अधिकारियों से संपर्क करें।

Leave a Comment